Incredible Himalaya

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सुरकंडा देवी मंदिर- धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर

उत्तराखंड की पवित्र भूमि देवभूमि के नाम से जानी जाती है। यहां के हर कोने में धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरें छुपी हुई हैं। इन्हीं में से एक है सुरकंडा देवी मंदिर। यह मंदिर देवी सती को समर्पित है और 51 शक्तिपीठों में से एक है। टिहरी जिले में स्थित यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान हिमालय की ऊंचाई पर बसा है, जो इसे और भी मनोहारी बनाता है। यहां से बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं, हरे-भरे जंगल और खुले आसमान का दृश्य दिखाई देता है।

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गढ़वाल में थोक और थोकदार की अवधारणा

आज के समय में गढ़वाली भाषा में “थोक” का मतलब परिवार या वंश वृक्ष के सदस्यों से है। थोक का प्रमुख या सबसे बड़ा सदस्य “थोकदार” कहलाता है। प्रशासनिक दृष्टि से थोकदार का मतलब प्रधान या गांव के मुखिया का प्रमुख होता है। थोकदार का पद वंशानुगत होता था, लेकिन राज्य या उसके प्रशासक थोकदार को बदल सकते थे। वे नए थोकदार की नियुक्ति कर सकते थे या अतिरिक्त थोकदार भी जोड़ सकते थे।

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टिम्मरसैंण महादेव: एक पवित्र गुफा मंदिर

टिम्मरसैंण महादेव: एक पवित्र गुफा मंदिर

उत्तराखंड की खूबसूरत घाटियों में स्थित टिम्मरसैंण महादेव का मंदिर भक्तों के लिए आस्था, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। यह गुफा मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अपनी अनोखी प्राकृतिक संरचना के साथ-साथ धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है।

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कौन हैं माता हिडिंबा? और क्या है उनका पांडवों से रिश्ता?

कौन हैं माता हिडिंबा? और क्या है उनका पांडवों से रिश्ता?

मनाली के पास घने देवदार के जंगलों में स्थित हिडिंबा मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। यह मंदिर पगोडा शैली में बना है और इसकी ऊंचाई लगभग 82 फीट है। माता हिडिंबा का संबंध महाभारत काल से माना जाता है, जहां उन्हें मां काली का स्वरूप माना गया है। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी शक्तियों से असुरों का नाश किया और महाकाली रूप में प्रकट हुईं। उनके भक्तों में अपार आस्था है और वे उन्हें कुल्लू की आराध्य देवी मानते हैं।

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उत्तराखंड में इगास बग्वाल

आखिर क्यों मनाई जाती है उत्तराखंड में इगास बग्वाल?

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में दिवाली के ग्यारह दिन बाद इगास बग्वाल का त्योहार मनाया जाता है। इस खास पर्व के पीछे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कहानियाँ हैं, जो इसे अनोखा और महत्वपूर्ण बनाती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि इगास बग्वाल क्यों मनाई जाती है और इसके पीछे कौन-कौन से कारण छिपे हैं।

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श्रीखंड महादेव

श्रीखंड महादेव: जहाँ भोलेनाथ को छिपना पड़ा भस्मासुर राक्षस से।

श्रीखंड महादेव यात्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित एक पवित्र स्थल है। 18,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह तीर्थस्थल हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। इस यात्रा का विशेष महत्व भोलेनाथ के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और भक्ति से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि यहाँ एक ऐसा समय आया था जब भगवान शिव को भस्मासुर राक्षस से बचने के लिए पहाड़ों की गुफाओं में छिपना पड़ा था।

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हनोल का महासू मंदिर

कौन हैं हनोल के महासू देवता?

हनोल उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र में स्थित एक छोटे और ऐतिहासिक गांव का नाम है, जो महासू देवता के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। महासू देवता इस क्षेत्र के प्रमुख लोक देवता माने जाते हैं। महासू देवता की मान्यता केवल उत्तराखंड के जौनसार-बावर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में ही नहीं है, बल्कि हिमालयी क्षेत्रों के लोग भी इन्हें गहरी श्रद्धा से पूजते हैं।

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घंटाकर्ण: बद्रीनाथ के द्वारपाल देवता

घंटाकर्ण: बद्रीनाथ के द्वारपाल देवता

उत्तराखंड की देवभूमि अपने पौराणिक इतिहास और रहस्यमय कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर मंदिर और धरोहर की अपनी एक अनोखी कहानी है। इन्हीं में से एक रोचक कहानी है घंटाकर्ण या घंडियाल देवता की, जिन्हें बद्रीनाथ धाम का रक्षक माना जाता है। जैसे केदारनाथ में भैरवनाथ जी को मंदिर की रक्षा का भार दिया गया है, वैसे ही घंटाकर्ण को बद्रीनाथ धाम के द्वारपाल के रूप में पूजा जाता है।

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Pir Panjal Lakes Trek

Pir Panjal Lakes Trek Itinerary

The Pir Panjal Lakes Trek is a stunning trek in the Pir Panjal range of the Himalayas, located in Jammu and Kashmir. This trek offers trekkers a rare chance to explore pristine, high-altitude lakes tucked within the valleys of this ancient range. Known for its spectacular landscapes and untouched beauty, the Pir Panjal Lakes Trek takes you through lush meadows, dense forests, and rugged paths leading up to serene glacial lakes.

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Kedarkantha trek itinerary

Kedarkantha Trek Itinerary

The Kedarkantha trek is one of the most popular and accessible winter treks in Uttarakhand. Located in the Govind Wildlife Sanctuary, this trek is known for its serene snow-covered trails, rich pine and oak forests, and breathtaking views of the Himalayas. The summit stands at around 12,500 feet, providing you with an amazing vantage point over snow-clad peaks like Swargarohini, Bandarpoonch, and Black Peak.

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