श्रीखंड महादेव: जहाँ भोलेनाथ को छिपना पड़ा भस्मासुर राक्षस से।
Mohit Bangari
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श्रीखंड महादेव यात्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित एक पवित्र स्थल है। 18,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह तीर्थस्थल हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। इस यात्रा का विशेष महत्व भोलेनाथ के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और भक्ति से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि यहाँ एक ऐसा समय आया था जब भगवान शिव को भस्मासुर राक्षस से बचने के लिए पहाड़ों की गुफाओं में छिपना पड़ा था।
भस्मासुर राक्षस की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भस्मासुर नामक राक्षस ने कठोर तपस्या की थी और भोलेनाथ से एक अद्भुत वरदान प्राप्त किया। यह वरदान ऐसा था कि जिसके सिर पर भस्मासुर अपना हाथ रखता, वह तुरंत भस्म हो जाता। लेकिन अहंकार और शक्ति के नशे में चूर भस्मासुर ने अपने वरदान का गलत उपयोग करने की ठानी और यहाँ तक कि भगवान शिव को ही भस्म करने की कोशिश की। अपनी रक्षा के लिए भोलेनाथ ने इन दुर्गम पहाड़ों की गुफाओं में शरण ली।
नयनसरोवर: माता पार्वती के आँसू
जब माता पार्वती ने अपने पति, भगवान शिव को इस संकट में देखा तो वे गहरे दुःख से भर उठीं। कहा जाता है कि उनके आँसुओं से यहाँ एक पवित्र झील का निर्माण हुआ, जिसे आज “नयनसरोवर” के नाम से जाना जाता है। इस झील की धाराएँ पहाड़ों से नीचे बहते हुए करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित निरमंड में भगवान शिव की गुफा “देव ढांक” तक पहुँचती हैं। भक्तों के लिए इस झील का दर्शन करना और इसमें स्नान करना अत्यधिक पवित्र माना जाता है।
श्रीखंड महादेव यात्रा का मार्ग
श्रीखंड महादेव की यात्रा कठिन है और भक्तों को ऊँचे पहाड़ी रास्तों और ठंडे मौसम का सामना करना पड़ता है। यह यात्रा मुख्यतः जुलाई महीने में शुरू होती है, जब मौसम अपेक्षाकृत अनुकूल होता है। निनार, थाचड़ू, भीम द्वार, और पार्वती बाग जैसे पड़ावों से होते हुए भक्त श्रीखंड महादेव पहुँचते हैं। हर पड़ाव पर कुछ नई चुनौतियाँ और सौंदर्य के दृश्य मिलते हैं, जो भक्तों को दिव्य अनुभूति देते हैं।
भस्मासुर का अंत और श्रीखंड महादेव की महिमा
भगवान शिव के अंत में बचाव के लिए भगवान विष्णु ने अपनी माया का प्रयोग किया और भस्मासुर का वध करवाया। इसके बाद श्रीखंड महादेव की यह भूमि और भी पवित्र मानी जाने लगी। इस तीर्थ का दर्शन करने से मनुष्य के सभी पाप मिट जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास है।
यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- तैयारी और स्वास्थ्य: श्रीखंड महादेव यात्रा कठिन और ऊँचाई वाली यात्रा है। इसके लिए मानसिक और शारीरिक तैयारी बहुत जरूरी है।
- मौसम का ध्यान: यात्रा के समय पहाड़ों का मौसम अचानक बदल सकता है। हमेशा अपने साथ गर्म कपड़े, रेनकोट और अन्य जरूरी सामान रखें।
- खानपान: रास्ते में खाना उपलब्ध होता है लेकिन सीमित मात्रा में। हल्का और ऊर्जा बढ़ाने वाला भोजन ही साथ रखें।
- धार्मिक आस्था और पर्यावरण का सम्मान: यात्रा के दौरान प्रकृति और वातावरण का विशेष ध्यान रखें। किसी भी प्रकार का कूड़ा फेंकने से बचें और धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखें।
श्रीखंड महादेव का आध्यात्मिक महत्व
यह यात्रा भक्तों के लिए सिर्फ एक तीर्थयात्रा नहीं है बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव भी है। यहाँ पहुँच कर लोग अपने मन की शांति पाते हैं और भस्मासुर राक्षस के प्रसंग से यह जानने को मिलता है कि अहंकार और पाप का अंत निश्चित है। शिव के प्रति आस्था और विश्वास यहाँ की हर चोटी, हर पत्थर में महसूस किया जा सकता है।
श्रीखंड महादेव की यात्रा भगवान शिव की भक्ति और साहस का प्रतीक है। इस पवित्र स्थल की यात्रा करना उन लोगों के लिए एक स्वप्न जैसा होता है जो ईश्वर की आराधना और प्रकृति से प्रेम करते हैं।
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